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Table of Contents

एक पुअर डैड के बेटे की सलाह अमीर बनने के लिए

अगर आपने कभी गूगल पर बेस्ट पर्सनल फाइनेंस बुक्स सर्च किया है तो “रिच डैड, पुअर डैड” उस सर्च में सबसे ऊपर रही होगी. यह किताब अमेज़न के पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट केटेगरी में #1 और दुनिया में ‘हाउ-टू’ केटेगरी में अब तक जितनी भी किताबें लिखी गयीं हैं उनमें थर्ड-लांगेस्ट रनिंग बेस्ट सेलर है


द न्यूयॉर्क टाइम्स की लगातार 6 सालों तक टॉप बेस्ट सेलर बुक रही और दो साल तक यू.एस.ए टुडे की #1 मनी बुक रही. साल 2002 में प्रकाशित रॉबर्ट टी. कियोसाकी की यह किताब की अभी तक 46+ मिलियन कॉपी बिक चुकी है जिसे दुनिया के 109 देशों के 51 अलग-अलग भाषाओँ में अनुवाद किया जा चुका है. इसका अनुवाद कई भारतीय भाषाओँ में भी हो चुका है.

ज़्यादा पैसा कमाने से नहीं बनता कोई अमीर

यह किताब इस मिथक को तोडती है कि अमीर बनने के लिए ज्यादा पैसा कमाना जरूरी है. कि अमीर लोग पैसे के लिए काम नहीं करते हैं या बहुत पैसा सिर्फ दो नंबर से ही कमाया जा सकता है. इस किताब से रॉबर्ट कियोसाकी दुनिया भर के करोड़ों लोगों की पैसों के बारे में उनकी सोच को चुनौती देते हैं. रॉबर्ट के अनुसार, अमीर बनना आपकी फाइनेंसियल इंटेलीजेंस पर निर्भर करता है. इसी ज्ञान की कमी के कारण ग़रीब व्यक्ति ग़रीब बना रहता है और मध्यम वर्गीय आदमी पैसा होने के बावजूद भी हमेशा ही माध्यम वर्गीय ही बना रहता है.

यह किताब अमीर या ग़रीब की मानसिकता का वर्णन करती है. रॉबर्ट के मुताबिक़ धनवान वही लोग बनते हैं जो संपत्ति (assets) लेते हैं, ग़रीब और मध्यम वर्ग के लोग दायित्व (liabilities) लेते हैं. समझदार वो लोग होते हैं जो अपने पैसे को स्टॉक, बांड, रियल एस्टेट आदि में निवेश करते हैं, जिससे वह अधिक पैसा कमाने में कामयाब होते हैं. बेसिकली, समझदार वह लोग होतें हैं जो पैसे इन्वेस्ट करने के मौकों की तलाश में रहते हैं

पुअर डैड़ सिर्फ़ ‘समझदारी’ की बात करते हैं

इस बात को पुख़्ता करने के लिए रॉबर्ट हमारी ज़िन्दगी से उदहारण लेते हुए दिखाते हैं कि कैसे हममें से अधिकतर लोग फाइनेंसियल एडवाइस उनसे लेते हैं जिनके पास पैसे नहीं होते, सिर्फ अनुभव होता है. ये लोग अपने अनुभव के आधार पर अपनी राय देते हैं. यहाँ पर रॉबर्ट समझदारी और काबिलियत में फ़र्क दिखाते हैं. किताब के टाइटल में ‘रिच डैड’ काबिलियत का सूचक है और ‘पूअर डैड’ समझदारी का. कियोसाकी लकी थे कि उन्हें दोनों तरह के व्यक्तियों से एडवाइस लेने का मौका मिला.

‘पूअर डैड’ उनके असली पिता थे जो काफी पढ़े लिखे थे मगर ज़िन्दगी भर ग़रीब रहे और जो कियोसाकी को पढाई-लिखी करके अपना भविष्य सुरक्षित करने की एडवाइस दिया करते थे. ‘रिच डैड’ उनके पड़ोसी दोस्त के पिता थे जो काफी पढ़े लिखे तो नहीं थे मगर काफी अमीर थे. इन्होने कियोसाकी को पैसे की समझ विकसित करने में लाइफ लॉन्ग लेसंस दिए. इन्हीं दोनों थीम्स के इर्द-गिर्द, किताब की अन्य थीम्स भी हैं. जैसे अमीर बनने के लिए आपको जोखिम उठाना सीखना चाहिए. ऐसी चीज़ें जीवन में जोड़िये जो आपको पैसे कमा कर देगी. हमेशा दिल से नहीं बल्कि दिमाग से काम लें; पैसे के लिए काम ना करें, पैसा आपके लिए काम करे इत्यादि.

किसके लिए हैं यह किताब

यह किताब एक कक्षा 8 में पढने वाले छात्र से लेकरएक शिक्षकबिजनेसमैन तथा उन सभी के लिए हैं,जो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं । यह Personal Finance पर लिखी गयी सर्वश्रेष्ठ किताब हैंयदि आपने Personal Finance के बारे अभी सीखना शुरू किया हैं, तो यह आपकी पहली किताब होनी चाहिए 

इस किताब के लेखक मिस्टर राबर्ट कियोसाकी कहते हैं, कि उनके दो पिता हैं, एक अमीर हैं, जिन्हें वो रिच डैड कहते हैं और दूसरे गरीब हैं, जिन्हें वो पुअर डैड कहते हैं । इस किताब में उन्होंने अपने दोनों पिता के विचारों से  जो सीख ली हैं, उसी के बारे में हैं, जैसे की अमीर कैसे बना जाएँ, अमीर बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ेगा, लोग पैसा कमाने के बारें में कैसे सोचते हैं, पैसा कमाने की शुरुआत कैसे की जाये  आदि ?

यह किताब लोगो के अन्दर Financial Awareness (आर्थिक जागरूकता) पैदा

आइये इस किताब की Summary देखते हैं

लेखक के एक पिता बहुत ही पढ़े-लिखे थे, उन्होंने पीएचडी भी करा था और उनके दूसरे पिता ने अपनी स्कूल की पढाई भी नहीं पूरी करी थी । दोनों ही अपने-अपने कैरियर में सफल थे, एक Financial (पैसों की) समस्या से जूझ रहे थे और दूसरे उनके शहर के सबसे अमीर व्यक्तिओं में से एक थे ।    

जब वे पैसे के बारे में बात करते थे, तो दोनों के नजरियें भी अलग- अलग थे । एक का मानना था, कि पैसों के प्रति प्यार ही सभी प्रकार की समस्याओं  की जड़ हैं ।  और दूसरे का मानना था की पैसों की कमी ही सभी समस्याओं की जड़ है । 

अब लेखक के बचपन में उनके सामने सबसे बड़ी दुविधा थी यह थी, कि वह  किसकी सुने अपने रिच डैड की या पुअर डैड की, क्युकी पैसों के बारे में दोनों के नजरियें पूरी तरह से अलग थे । हालाँकि लेखक के दोनों पिता ही लेखक की भलाई चाहते थें ।

उनके पुअर डैड को हमेशा यह कहने की आदत थी, कि हम ये नहीं ले सकते हैं, हम वो ले नहीं सकते हैं । वही उनके रिच डैड इस शब्द कभी भी उपयोग नहीं करते थे, उन्हें इस वाक्य से सख्त नफरत थी,  यहाँ तक की उन्होंने लेखक को भी इसका इस्तेमाल करने से मना  कर दिया था ।

लेखक के रिच डैड कहते थे, कि तुम अपने आप से पूछों की तुम कैसे उस चीज को ले सकते हो ?  उनका मानना था, कि  जब तुम कहते हो की तुम यह चीज नहीं ले सकते हो, तो तुम्हारा दिमाग काम करना बंद कर देता हैं । और उसके विपरीत जब तुम अपने आप से ये सवाल पूछते हों,  कि  तुम उस चीज को कैसे ले सकते हो, तो तुम्हारा दिमाग अपने आप काम पर लग जाता है  । उनका यह कहना बिलकुल नहीं था, कि आप सब कुछ खरीदते चलो उनका यह कहना था, कि अपने दिमाग को हमेशा एक्टिव रखो उसे काम पर लगाओं जिससे तुम्हारे ब्रेन की  एक्सरसाइज होगी और वह दिन ब दिन मजबूत  बनता चला जायेगा ।

उनके पुअर डैड कहते थे, कि कभी रिस्क मत लो और रिच डैड  कहते थे, कि रिस्क को मैनेज करना सीखों । उनके पुअर डैड कहते थे, कि बहुत पढाई करो और कालेज डिग्री लो और एक अच्छी सुरक्षित नौकरी ले लों । वही रिच डैड कहते थे, कि पढाई करों और पैसा कैसे काम करता हैं वह सीखों, पैसों के लिए काम मत करों बल्कि पैसों को तुम्हारे लिए काम पर लगाओं  ।9 साल की उम्र में राबर्ट यानि की लेखक ने Decide किया की वो अपने रिच डैड की सुनेगे और उनसे पैसों के बारें में सीखेगें और पैसों के मामले में वो अपने पढ़े लिखे पुअर डैड को फॉलो नहीं करेगें ।

रियल में उनके पुअर डैड उनके सगे पिता थे जो बहुत पढ़े लिखे थे और Teacher को नौकरी करते थे, लेकिन  वह पैसों के मामले में गरीब थे ।  वही लेखक जिसे अपना रिच डैड कहते हैं, वो उनके दोस्त माइक के पिता  थे, जिनके पास राबर्ट और उनका दोस्त माइक पैसे कैसे कमाते हैं, वो सीखने के लिए जाते थे ।

राबर्ट के इस रिच डैड ने अपनी स्कूलिंग भी नहीं पूरी की थी फिर भी वह शहर के सबसे अमीर लोगो में से एक थे और बाद में जाकर अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बने । राबर्ट और माइक के कहने पर उनके रिच डैड उन्हें पैसे कैसे कमाते हैं, सिखाने के लिए तैयार हो गए ।

उनके अमीर पिता ने उन्हें पैसों के बारें में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताई जिनके बारें में हम आगे बात करेगे

“अमीर पिता ने उन्हें कहा की आप कितना पैसा कमाते हो, यह महत्वपूर्ण नहीं हैं, महत्वपूर्ण यह है , कि कितना  पैसा आप  बचातें हों ।”

बहुत सारें लोगो को यह नियम पता नहीं हैं, इसीलिए हम देखते हैं की लाखों रुपये की लाटरी जीतने वाला गरीब या मध्यम वर्गीय आदमी अचानक से अमीर तो बन जाता हैं, परन्तु कुछ ही सालों अपनी पुरानी  हालत पर आ जाता हैं, क्युकी उन्होंने ने बचाए नहीं सिर्फ खर्च किया । हम यह भी देखते हैं की कोई खिलाड़ी जो 25-30 साल की उम्र में करोड़ों रूपये कमा रहा था, पर उसके 10-15 साल बाद उसके पास कुछ नहीं बचा हैं । वह बेघर हो गया हैं और उसे अपना खर्च चलाने के लिए बसे साफ करना पड़ रहा हैं ।  क्या आप उस खिलाड़ी का नाम बता सकते हैं, सोचिये जरा ?

क़िताब को आप अमेज़न ( Amazon ) से खरीद सकते हैं

लम्बे समय में आप कितना पैसा कमाते हैं वो Matter नहीं करता हैं,  आप कितना पैसे आप बचाते हैं वो Matter करता हैं । आइये इसे थोड़ा और डिटेल में देखते हैं :-

सबसे पहले आपको Asset (संपत्ति) और Liabilities (देनदारी) क्या होता हैं, उसे समझना होगा और उनके बीच का अंतर भी समझना होगा ।  रिच डैड  ने उन्हें साधारण भाषा में समझाया की Asset आपकी जेब में पैसे डालते हैं, वही  Liabilities आपकी जेब से पैसे निकालती हैं । यदि आपको अमीर बनना हैं, तो आपको Asset खरीदने होंगे और यदि आपको गरीब और मध्यम वर्गीय बनना हैं, तो आपको Liabilities खरीदने होंगे ।

कोई भी अमीर आदमी पढ़ा लिखा हो या न हो लेकिन वह Financally  Literate  (आर्थिक रूप से  पढ़ा लिखा)  जरुर होता हैं, यानी  पैसा कैसे काम करता हैं, यह उसे जरुर पता होता हैं  ।   पैसा कैसे काम करता हैं, यह  किसी भी School और Colleges में  भी नहीं सिखाई जाती हैं ।

इस क़िताब की पीडीएफ यहाँ से डाउनलोड करें

हर आदमी का एक Income Statement (आय विवरण), Balance Sheet (बैलेंस शीट) और Cash Flow  (पैसे का बहाव) होता हैं ।
Income Statement में दो भाग होता हैं, एक Income (कमाई) और दूसरा Expenses (खर्चा) यह आपको बताता हैं, “कि आपने कितने पैसे कमायें हैं और कितने खर्च कियें हैं तथा सब खर्च निकालने के बाद आपके पास कुल कितना पैसा बचा हैं” कुछ बचा भी है या नहीं ।

Balance Sheet में भी दो भाग होते हैं, एक Asset (संपत्ति) और दूसरी Liabilities (देनदारी), आपके  Asset आपके लिए पैसा बनाते हैं, ये आपको पैसा कमा कर देते हैं जैसे :-  जमीन, शेयर मार्किट और बांड्स में लगाया गया पैसा Intellectual Property (बौद्धिक संपदा) आदि । Liabilities का मतलब देनदारी जैसे घर का या कार का  लोंन Credit Card का  लोन, आदि ।

नीचे दिए गये डायग्राम में Arrows (तीर) हमें कैश फ्लो यानी पैसों का बहाव बताती हैं, कि आपके पास पैसा कैसे व कहाँ से आ रहा हैं और वह कहाँ व कैसे बाहर जा रहा हैं ।

गरीब आदमी का कैश फ्लो

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  1. गरीब आदमी का कैश फ्लो कुछ ऊपर डायग्राम जैसे होता हैं, मतलब गरीब आदमी के पास  कमाई का स्रोत  सिर्फ वेतन होता हैं । उनका लगभग पूरा पैसा कर, घर का किराया, खाना, कपड़े आदि में चला जाता हैं । महीने के अंत में अधिकतर इनके पास न के बराबर पैसा बचता हैं या कुछ नहीं बचता हैं । 
  2. अब गरीब आदमी की बैलेंस शीट देखते हैं, गरीब आदमी का Assets का कालम हमेशा खाली रहता हैं । वह इसलिए होता हैक्यूकी उनके पास महीने के अंत में कुछ नही बचता हैं, यदि बचता भी हैं तो वह उसे Assets में नहीं लगाते हैं, बल्कि वह उसे टेलीविज़न,आदि जैसे मनोरंजन साधन खरीदने  में खर्च कर देते हैं । ऐसा इसलिए होता हैं, क्यूकिउन्हें किसी ने Assets के बारे किसी ने बताया नहीं होता न ही स्कूल में न माँ बाप ने और न ही दोस्तों ने । Liabilities वह खरीद नहीं पाते हैं क्युकी उनके पास उतने पैसे बचते ही नहीं है । 

आइये अब मध्यम वर्ग के आदमी का कैश फ्लो देखते हैं

मध्यम वर्गीय लोगो का एक सेट पैटर्न होता हैं । जिनकी जल्दी में शादी हुई हैं, वह पहले किसी नए शहर में किराये पर रहने लगते हैं ।  फिर खुद का नया घर लेने के बारें में सोचते हैं और नया घर लेने के बाद वह फर्नीचर लेते हैं,  फिर जैसे-जैसे इनकी आय बढती जाती हैं, वह वैसे-वैसे वो कार और कुछ दूसरा सामान लेने लगते हैं, फिर उनका Liabilities का कॉलम होम लोन, कार लोन आदि से भर जाता है । इसके बाद लोन की किस्तों के वजह से उनका खर्चा बढ़ता हैं और उनकी पूरी सैलरी उनके मासिक खर्चे में ही चली जाती हैं । इस प्रकार उनका पूरा Assets का कॉलम खाली ही रह जाता है

आइये अब अमीर आदमी का कैश फ्लो देखते हैं

अमीर आदमी के एसेट उनके लिए पैसा कमाते हैं,  लेखक के गरीब पिता का लगभग सारी सैलरी उनके मासिक खर्चे में ही चली जाती थी और उनके अमीर पिता कई सालों से एसेट में पैसा लगा रहे थे । जिसके कारण उनका एसेट कालम उनकी Liabilities से बहुत बड़ा हो चुका था जो अब उनके एसेट उनके खर्चे से ज्यादा पैसे बना रहे थे । लेखक के अमीर पिता भले ही पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन वह पूरी तरह से Financially Literate थे और पैसा काम कैसे करता हैं, उन्हें यह बहुत ही अच्छी तरह से पता था । 

चाहे आदमी गरीब हों या अमीर उसे पैसे तो कमाना आता हैं, लेकिन उसे पैसे को मैनेज करना नहीं आता हैं । उन्हें बहुत Hard Work करना तो आता हैं, लेकिन अपने पैसों से हार्ड वर्क करवाना नहीं आता हैं । वह बस खुद ही काम करते रहते हैं अपने पैसों को काम पर नहीं लगाते हैं ।

जैसे-जैसे उनकी कमाई बढ़ती हैं, उसी के अनुपात में उनके खर्चे भी बढ़ते रहते हैं और उन्हें लगता हैं की ज्यादा पैसे आने से उनकी सारी समस्या का समाधान हो जायेगा इसलिए वो लगातार अपनी सैलरी बढाने के लिए  मेहनत करते रहते हैं, चाहे उनका वेतन कितना भी बढ़ जाये और उनकी आर्थिक समस्या कभी ख़त्म नहीं होती हैं । वह यह कभी नहीं समझते हैं कि उनकी असली समस्या यह हैं कि, उनके पास जो पैसा हैं उसे वह खर्च कैसे कर रहे हैं ? उसका उपयोग कैसे कर रहे हैं ?  और यह समस्या Financial Illiteracy की वजह से हैं ।

सबसे पहली बात जो आपको माननी चाहिए वह यह है, कि सबसे पहले खुद को Pay करो जो भी पैसा आप कमाते हैं। उसमे से कुछ हिस्सा अपने लिए रखों यानी की अपने लिए पैसें बचाओं और उन बचे हुए पैसों से ऐसे एसेट खरीदो जो आपके लिए पैसा बना सके यानी आपको पैसा कमा कर दे सकें ।

अमीर और गरीब लोगो ने सबसे बड़ा अंतर यह होता हैं, कि गरीब लोग पहले सब पैसे खर्च कर लेते हैं ।  फिर आखिर में अपने लिए रखने का सोचते हैं । जिसकी वजह से ज्यादातर समय वह अपने लिए कुछ भी नही बचा पाते हैं । और अंत में न ही वह उसे किसी एसेट में निवेश कर पाते हैं । वही अमीर लोग सबसे पहले अपने लिए पैसे बचाते हैं और उसके बाद अपने खर्चे करते हैं, यह करने के लिए बहुत ही प्रयास और  Self-Discipline की जरुरत पड़ती हैं ।

कई बार आपके सामने कुछ आर्थिक समस्या आएगी फिर भी आपको सबसे पहले खुद को ही Pay करना हैं और उसे बचाना हैं । जब आप अपने उपर Self-Discipline करना सीख जायेगे तो समझ लीजिये की आपने अमीर बनने की तरफ अपना पहला कदम बढा लिया हैं । 

जो लोग सबसे पहले खुद को पैसे देते हैं उनका कैश फ्लो कुछ इस तरह का होता हैं

जैसे-जैसे आप अपने लिए पैसे बचाकर उसे एसेट में निवेश करेगे वैसे वैसे आपकी कमाई के स्त्रोत बढ़ते जायेगे । 

जो लोग सबसे पहले खुद को पैसे नहीं देते हैं उनका कैश फ्लो कुछ इस प्रकार का होता हैं

आप ऊपर बहुत ही आराम से दोनों कैश फ्लो के बीच का अंतर देख सकते हैं । खुद को पहले Pay करने वाले आदमी के Asset का कॉलम कभी बढ़ चुका हैं, जिससे वह अपने अन्य खर्चे देखता हैं और उसमे जो बचता हैं उसे वह फिर से एसेट में ही निवेश करता हैं, ताकि उसे अपने वेतन पर ही पूरी तरह से निर्भर न रहना पड़े । वही पर पहले खर्च करने वाले आदमी की सारी सैलरी उसके खर्च में ही निकल जाती हैं और उसके पास न के बराबर पैसे बचते हैं या नही बचते हैं जिससे वह अपने एसेट कॉलम को नहीं भर पता हैं ।

यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात यह निकल कर आती हैं, कि अमीर लोग सबसे पहले एसेट वाले कॉलम पर फोकस करते है और गरीब लोग Income Statement पर फोकस करते हैं ।

अमीर लोग अपना पैसा को बिजनेस, शेयर, सरकारी बांड और रियल स्टेट में निवेश करते हैं । वह कई और जगह भी पैसा लगाते हैं, जहाँ से उन्हें एक Regular Income मिलती रहे । उनका यह निवेश उनके लिए एसेट हैं जो उनके लिए पैसा कमाते हैं । जो एसेट आपको पसंद हैं, आपको उनमे निवेश करना चाहिए आपको यह पता करना चाहिए की कौन-कौन से एसेट की श्रेणियां आपको अच्छी लगती हैं ।  उसके बारे में बहुत ही गहराई में जाकर अध्ययन करना चाहिए जानकारी लेनी चाहिए जैसे- वह आगे-आने वाले समय में किस प्रकार का आपको मुनाफा दिलाएगी, उस एसेट से कोई अन्य स्त्रोत भी बन पायेगा या नहीं ।

लेखक को बिल्डिंग और जमीने बहुत पसंद हैं इसके अलावा उन्हें इसकी गहरी समझ भी हैं | इसलिए वो इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश करते हैं । उन्हें छोटी कंपनियों  में भी काफी जाँच परख करके निवेश करना पसंद हैं ।

यहाँ पर एक और महत्वपूर्ण बात यह हैं, कि अमीर लोग महंगे बंगले आभूषण, बड़ी गाड़ी आदि Luxury की चीजे आखिर में खरीदते हैं । सबसे पहले वो Assets  खरीदते हैं, जहाँ से उन्हें कमाई होती है । और इसी जगह पर  गरीब और माध्यम वर्ग के लोग Luxury चीजे पहले खरीदते है ।

अमीर लोग सबसे पहले अपना एसेट का कॉलम मजबूत करते हैं । फिर उस एसेट से मिलने वाली कमाई से वह अपने लिए Luxury का सामान खरीदते हैं । अगर उन्हें कोई महंगी चीज खरीदनी हैं, तो वह पहले सोचते हैं किस तरह से अपने एसेट कॉलम को मजबूत किया जा सकता हैं । जिससे एसेट से मिलनी वाली कमाई बढ़ेगी और उस कमाई से वह उस महंगी चीज को खरीदेगे ।  वह लगातार अपने दिमाग का उपयोग करते हैं, उससे एक्सरसाइज करवाते हैं जिससे उन्हें पैसे कमाने के नए-नये विचार मिलते रहते है हैं । इस तरह वह Luxury  का सामान खरीदने से पहले वह अपनी कमाई तथा उसके स्त्रोत बढाने के बारे में पहले सोचते हैं । वही पर अन्य लोगो का एक ही कमाई का स्रोत होता हैं, वह हैं नौकरी और जब वह कोई Luxury  का सामान खरीदते हैं, तो उनका पूरी आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती हैं ।

जिन गरीब या मध्यम वर्गीय लोगो की लाटरी लगती हैं, वह भी अपनी एसेट पर निवेश करने के बजाये खर्च बढ़ाते जाते हैं  । इस तरह  कुछ साल के बाद फिर से अपनी पुरानी आर्थिक स्थिति पर आ जाते हैं । यहाँ पर Income  समस्या नहीं हैं, समस्या यह हैं कि उसका प्रबंधन यानि मैनेजमेंट यानी कि आप  किस तरह आप उन पैसों का उपयोग कर रहे हैं ।

अमीर लोग और अमीर बनते जा रहे हैं, गरीब लोग और गरीब बनते जा रहे हैं और मध्यम वर्गीय लोग संघर्ष कर रहे हैं । क्युकी पैसों के बारें में हमारे यहाँ स्कूल कॉलेज और घरों में नहीं सिखाया जाता हैं । हमारे स्कूल और कॉलेज में हमें सिर्फ Professional Skill के बारें में सिखाया जाता हैं, हमें Financial Skill के बारें में नहीं सिखाया जाता हैं । इसलिए आज  Doctors, Engineers, Managers & Pilots आदि जिन्होंने अपने  स्कूल और कॉलेज में अच्छे मार्क्स लाये थे, वो आज अच्छी सैलरी होने के बाद भी Financially struggle कर रहे हैं।

आपके पास हमेशा Multiple Income Sources (आय के कई स्रोत) होने चाहिए, अधिकतर लोगो का एक ही कमाई का माध्यम होता हैं, जो की उनकी सैलरी हैं ।  वह कहते है कि,  वह बहुत सुरक्षित जीना चाहते हैं इसलिए वह अपनी सैलरी पर ही निर्भर रहते हैं । पर वह यह नहीं समझ पाते हैं की एक ही कमाई के स्रोत पर निर्भर रहना कितना बड़ा जोखिम (Risk) हैं ।  

इनकम सोर्स तीन प्रकार का होता हैं

  1. Ordinary मतलब आपकी सैलरी 
  2. Passive मतलब रियल स्टेट आदि से कमाया गया पैसा यानी जहाँ से आपके न रहने और न ध्यान देने पर पैसा आये ।
  3. Portfolio मतलब  शेयर बाज़ार और सरकारी बांड से कमाया गया पैसा ।

आज के समय में दुनियां के सबसे अमीर आदमी Amazon के संस्थापक श्री जेफ बेजोस और दुनिया के सबसे महान निवेशक श्री वारेन बफे पोर्टफोलियो इनकम की वजह से अमीर बने हैं ।

वही अगर बात करें अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प और इस किताब के लेखक श्री राबर्ट के की तो वो Passive Income की वजह से अमीर बने है ।

लेखक के रिच डैड हमेशा कहते थे, कि तुम्हे अपने Ordinary Income Source को जल्द से जल्द Passive Income या Portfolio Income में बदलना चाहिए । यानी अपना पूरा ध्यान Asset का कालम बढ़ाने पर देना चाहिए । लेखक के रिच डैड हमेशा कहते थे, कि तुम्हे अपने Ordinary Income Source को जल्द से जल्द Passive Income या Portfolio Income में बदलना चाहिए । यानी अपना पूरा ध्यान Asset का कालम बढ़ाने पर देना चाहिए ।

अगर आपके पास अच्छे अवसर (Opportunities) आ रहे हैं, लेकिन आपके पैसा ही नहीं हैं या अवसर आपके सामने हैं लेकिन आपको दिख नहीं रहा हैं । तो उसका मतलब हैं की आपके पास Financial  Intelligence नहीं हैं । दिमाग हमारा सबसे Powerful Asset हैं । अगर उसे हम अच्छे से Train करते हैं, तो आपको कई अच्छे अवसर ढूंढने में और अच्छे अवसर उत्पन्न करने में मदद मिलेगी जिससे आप बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं ।

Focus on Learning not Earning

आपको Learning पर फोकस करना होगा, अपने दिमाग को फाइनेंसली ट्रेंड करना होगा, आपका Mind Financially Trend होंगा तभी वह नए फाइनेंसियल अवसरों को देख पायेगा, कोई भी चीज सीखते हुए आपको अपना माइंड खुला रखना चाहिए ।  आज के समय में बहुत सारें लोग जब उनके सामने कोई नया विचार आता हैं, तो उसे सही से नहीं सुनते हैं या अनसुना कर देते हैं ।  वही पर जो सही में बुद्धिमान होते हैं वह नए विचारों का खुलें मन से स्वागत करते हैं, उसे तुरंत नोट कर लेते हैं । वह बोलने से ज्यादा सुनने पर फोकस करते हैं ।

आज के समय में जो अलग-अलग Assets हैं, जैसे कि जमीन,  शेयर बाजार, सरकारी बांड, नये बिजनेस आदि । आपको किसी में भी निवेश करने से पहल अपना दिमाग खुला रखकर उसका अध्ययन (Study) करना होगा । जो लोग Learn की जगह Earn पर फोकस करतें हैं, वह पैसा तो कमाते हैं लेकिन उसे अच्छे से मैनेज नहीं कर पाते हैं । फिर आगे चलाकर किसी न किसी फाइनेंसियल समस्या में फंसते रहते हैं ।

फाइनेंसियल नॉलेज न होने की वजह से लोग अपने आस-पास चल रही जल्दी से अमीर बनने वाली किसी योजना में किसी  के कहने पर पैसा लगा देते हैं । फिर उसके बाद वह कम्पनी उनका पैसा लेकर भाग जाती हैं ।  इसीलिए लेखक के रिच डैड ने उनसे कहा कि, पहले Learning पर ध्यान देना चाहिए बाद में Earning पर । Financial Leering आजीवन चलने वाली प्रक्रिया हैं, जब भी तुमसे गलती होगी तो तुम उससे सीखों और  अगले समय वह गलती न करो । गलतियों से बिलकुल न डरों जब कोई जीतने के लिए खेलता हैं, तो उससे गलतिया  होती हैं ।लेकिन सबसे महत्वपूर्ण हैं की उस गलती से सीख कर आगे अच्छा करना ।

रिच डैड ने लेखक को Risk Management (जोखिम प्रबंधन) सीखने को कहा । इस सन्दर्भ  में Mr. Warren Buffet ने कहा हैं, कि –

 “ Risk comes from not knowing what you are doing ”

” आप क्या कर रहे हैं, यदि आपको वह पता नहीं हैं तो वह जोखिम हैं “

यदि आप गाड़ी चला रहे हैं और आपको गाड़ी चलाना ही नहीं आता हैं तो वह रिस्क हैं, इसको कम करने के लिए पहले आपको गाड़ी चलाना सीखना पड़ेगा । इसी तरह फाइनेंसियल रिस्क को भी फाइनेंसियल ज्ञान और स्किल डेवलप  करके कम किया जाता हैं । इसीलिए किसी भी एसेट में निवेश करने से पहले उसके बारे में सही से जानना और उसके बारें में स्किल होना बहुत जरुरी हैं । आइये हम आगे देखते है, कि लेखक ने अपने फाइनेंसियल ज्ञान और स्किल का उपयोग करके कैसे पैसे बनाये :-

1989 में राबर्ट अमेरिका में जहाँ  रहते थे, उसके पास के एक स्थान से गुजर रहे थे । वहां उन्होंने देखा की वहां के  अधिकतर घरों पर Sell के बोर्ड लगे है । उस समय अमेरिका में मंदी आ गयी थी, शेयर बाजार टूट चुका था  तथा वहां की रियल स्टेट का बाजार भी बहुत ही ख़राब हालत में था । उन्होंने देखा की वहां पर एक घर के नोटिस बोर्ड पर बहुत दिनों से सेल का बोर्ड लगा हुआ था, तब वह उस घर के मालिक से मिले । उन्होंने उसके मालिक से पूंछा  कि यह घर कितने में बेच रहे हों, उसने कहाँ की मैंने बहुत दिनों से इस घर को बेचने के लिए बोर्ड लगाया हैं लेकिन कोई भी यह घर देखने के लिए और पदाम पूछने के लिए नहीं आया तो आप ही घर देख लो और मुझे इसका दाम बताओ । राबर्ट को वह घर बहुत पसंद आया और उन्होंने वह घर 20 हजार डालर में खरीद लिया । फिर उसके बाद उन्होंने उस घर में किरायेदार रखे । एक दो साल बाद जब उस स्थान पर रियल स्टेट का मार्केट  बढ़ने लगा तो लोग उस स्थान पर घर खरीदने लगे, उस समय उन्होंने 20 हजार डालर में ख़रीदा घर 95 हजार डालर में बेच दिया, यहाँ ध्यान देने वाली बात हैं, कि उन्होंने सिर्फ उस घर के दाम में ही मुनाफा नहीं कमाया बल्कि उसमे किराएदार रखकर भी उससे पैसा बनाया । उसके एक महीने बाद फिर उन्हें एक अच्छा फ्लेट मिला जिसका मालिक जर्मनी का था उन्हें उस एरिया के रियल स्टेट मार्केट के बारे ज्यादा जानकारी नहीं थी वह बस उस फ्लेट को जल्द से जल्द  बेच कर जर्मनी जाना चाहते थे । अब लेखक उसके साथ मोलभाव करके वह फ्लेट भी खरीद लिया और दो साल बाद लगभग डेढ़ गुना दाम पर उसे बेच दिया । उन पैसों से फिर उन्होंने एक मंदी वाले एरिया में घर ख़रीदा और जब वह पर मंदी खत्म हुई तो उसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया ।

इसकी मदद से वह बताते हैं, कि कैसे कम पैसों को ज्यादा पैसों में बदल सकते हैं  । उसके लिए आपके पास उस एसेट से जुड़ा आर्थिक ज्ञान होना चाहिए तभी आप अच्छे अवसर ढूंढ  पाएंगे । लेखक को रियल स्टेट की जमीन घर और छोटी कम्पनी में निवेश करने में दिलचस्पी (Interest) हैं । इसलिए वह उसके बारें में ज्ञान इकट्ठा करते हैं, फिर अच्छे अवसर तलाशते हैं । आपको जिस एसेट में इंटरेस्ट हैं, उसका अच्छा ज्ञान लीजिये फिर उसमे निवेश करने के बारे में सोचिये |

दोस्तों अंत में लेखक ने पुनः एक बार याद दिलवाने की कोसिस की हैं, कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग पैसों के लिए काम करते हैं, वही अमीर लोगो के लिए पैसा काम करता हैं । अमीर लोग अपने एसेट कॉलम को बढ़ाने में लगे रहते है ।उन्हें उससे जो मुनाफा मिलता हैं उसे वो वापस वही और पुनः निवेश करते हैं । इस तरह उनका पैसा उनके लिए लगातार काम करता है । किसी भी एसेट में पैसा लगाने से पहले उसमे जिन लोगो ने निवेश किया हैं, उनसे मिलें जो लोग उसमे निवेश करके सफल हुए हैं । यदि उनसे मिलना संभव नहीं हैं, तो उनके बारें में पढ़ें और उस एसेट के बारें में गहन ज्ञान हासिल करने का प्रयास करें ।

दोस्तों यह थी Rich Dad Poor डैड की हिंदी में Summary, आपको  इस किताब में दिए नियमों को अमल में लाना होगा तभी जाकर आप जल्दी अमीर बन पायेगे । अब यह आपके हाथ में हैं, कि आप जो पैसा कमाते हैं उसे पूरा खर्च करते है या सबसे पहले खुद को Pay करके उसे बचाकर सही जगह पर निवेश करके अमीर बनते हैं

यदि आप इस किताब को पूरी पढना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए लिंक से खरीद सकते हैं

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