आपने अक्सर सुना होगा कि मां दुर्गा की कृपा से दुर्गा कवच हिंदी / Durga Kavach In Hindi PDF व्यक्ति को असाधारण शक्ति और सुरक्षा प्रदान करता है। यह प्राचीन मंत्र हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है और उन्हें समर्पित किया जाता है। यद्यपि इसकी पूजा और पाठ के लिए बहुत सारे संस्कृत पाठों और पुस्तकों में उपलब्ध हैं, लेकिन आजकल बहुत से लोग इसे हिंदी पीडीएफ के रूप में डाउनलोड करके अपनी सुरक्षा और सुख को सुनिश्चित करने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं। इस लेख में, हम दुर्गा कवच हिंदी / Durga Kavach In Hindi PDF पीडीएफ के बारे में विस्तार से जानेंगे और उसे प्राप्त करने के तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे।
परिचय
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Topic | Durga Kavach in Hindi PDF |
---|---|
Language | Hindi |
Format | |
PDF Name | Durga_Kavach_Hindi.pdf |
PDF Size | 0.10 MB |
Number of Pages | 12 pages |
Source | PDFLoadr |
Purpose | Protection and blessings |
Contents | Mantras and prayers of Goddess Durga |
Benefits | Mental, spiritual, and physical security |
Availability | Online download |
Safety | Verify reliable sources |
Usage | Personal or shared with others |
Recommendation | Seek guidance from a religious authority |
Conclusion | Durga Kavach provides strength and protection |
मां दुर्गा को शक्ति और शक्तिस्वरूपी देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी कृपा और आशीर्वाद से मनुष्य शक्ति, सुरक्षा और सुख को प्राप्त करता है। दुर्गा कवच उनके मंत्रों में से एक है जो श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ किया जाता है। यह मंत्र श्रद्धा और उम्मीद का प्रतीक है और यहां दुर्गा कवच हिंदी पीडीएफ के माध्यम से प्राप्त करने के बारे में बात की जाएगी।
दुर्गा कवच: एक अद्वितीय प्राचीन मंत्र
मां दुर्गा का महत्त्व
मां दुर्गा विभिन्न नामों और स्वरूपों में पूजी जाती हैं और इसे देवी की मांगल्य, भद्रकाली, अम्बे और दुर्गा जैसे नामों से भी जाना जाता है। वह शक्ति और सर्वशक्तिमान हैं और भक्तों को सुरक्षा, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करती हैं। दुर्गा कवच उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक मार्ग है।
दुर्गा कवच क्या है?
दुर्गा कवच एक प्राचीन मंत्र है जिसे पाठ करने से मां दुर्गा की कृपा और सुरक्षा मिलती है। यह कवच भक्तों को बुराई से बचाने और सभी प्रकार की विपत्तियों से सुरक्षा प्रदान करने का मान्त्रिक उपाय है। दुर्गा कवच के पाठ करने से पहले अपने मन में देवी का आवाहन करें और भक्ति और समर्पण के साथ मंत्रों को जपें।
दुर्गा कवच के विभिन्न अंग
दुर्गा कवच में विभिन्न अंग होते हैं जो भक्त की सुरक्षा और सुख को वृद्धि करते हैं। कवच में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों, अवतारों और महाकायों का वर्णन किया गया है। प्रत्येक अंग में विशेष मंत्रों का प्रयोग किया जाता है जो भक्त को शक्ति और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
दुर्गा कवच पढ़ने के लाभ
दुर्गा कवच पाठ करने के कई लाभ हैं। इसे पढ़ने से मानसिक, आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक सुरक्षा मिलती है। कवच मंत्रों की शक्ति और आदर्श पठने के फलस्वरूप भक्त को विभिन्न प्रकार की संकटों और बुराई से मुक्ति मिलती है।
मानसिक और आध्यात्मिक लाभ
दुर्गा कवच पठने से मन की शांति, ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह मंत्र भक्त को सकारात्मक ऊर्जा, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है। इसके पाठ से मानसिक तनाव, चिंता और भय को दूर करने में मदद मिलती है।
शारीरिक और मानसिक सुरक्षा
दुर्गा कवच पठने से शारीरिक और मानसिक सुरक्षा प्राप्त होती है। यह मंत्र भक्त को रोग, दुर्भाग्य, अपाय और आपत्तियों से बचाता है। इसके पाठ से अशुभ ग्रह दशा, कार्यों की सफलता में बाधाएं कम होती हैं और जीवन में समृद्धि आती है।
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दुर्गा कवच हिंदी / Durga Kavach In Hindi PDF पीडीएफ कैसे प्राप्त करें?
दुर्गा कवच हिंदी / Durga Kavach In Hindi PDF पीडीएफ को आप आसानी से इंटरनेट से डाउनलोड कर सकते हैं। निम्नलिखित चरणों का पालन करके आप इसे प्राप्त कर सकते हैं:
- अपने वेब ब्राउज़र में दुर्गा कवच हिंदी / Durga Kavach In Hindi PDF पीडीएफ खोजें।
- विभिन्न वेबसाइटों पर जाएं जो मां दुर्गा के मंत्र और पूजा से संबंधित सामग्री प्रदान करती हैं।
- उचित वेबसाइट का चयन करें और दुर्गा कवच हिंदी पीडीएफ डाउनलोड करें।
- पीडीएफ फ़ाइल को अपने कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस में सहेजें या प्रिंट करें।
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दुर्गा देवी कवच PDF | Durga Devi Kavach PDF in Hindi
ऋषि मार्कंड़य ने पूछा जभी !
दया करके ब्रह्माजी बोले तभी !!
के जो गुप्त मंत्र है संसार में !
हैं सब शक्तियां जिसके अधिकार में !!
हर इक का कर सकता जो उपकार है !
जिसे जपने से बेडा ही पार है !!
पवित्र कवच दुर्गा बलशाली का !
जो हर काम पूरे करे सवाल का !!
सुनो मार्कंड़य मैं समझाता हूँ !
मैं नवदुर्गा के नाम बतलाता हूँ !!
कवच की मैं सुन्दर चोपाई बना !
जो अत्यंत हैं गुप्त देयुं बता !!
नव दुर्गा का कवच यह, पढे जो मन चित लाये !
उस पे किसी प्रकार का, कभी कष्ट न आये !!
कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!
पहली शैलपुत्री कहलावे !
दूसरी ब्रह्मचरिणी मन भावे !!
तीसरी चंद्रघंटा शुभ नाम !
चौथी कुश्मांड़ा सुखधाम !!
पांचवी देवी अस्कंद माता !
छटी कात्यायनी विख्याता !!
सातवी कालरात्रि महामाया !
आठवी महागौरी जग जाया !!
नौवी सिद्धिरात्रि जग जाने !
नव दुर्गा के नाम बखाने !!
महासंकट में बन में रण में !
रुप होई उपजे निज तन में !!
महाविपत्ति में व्योवहार में !
मान चाहे जो राज दरबार में !!
शक्ति कवच को सुने सुनाये !
मन कामना सिद्धी नर पाए !!
चामुंडा है प्रेत पर, वैष्णवी गरुड़ सवार !
बैल चढी महेश्वरी, हाथ लिए हथियार !!
कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!
हंस सवारी वारही की !
मोर चढी दुर्गा कुमारी !!
लक्ष्मी देवी कमल असीना !
ब्रह्मी हंस चढी ले वीणा !!
ईश्वरी सदा बैल सवारी !
भक्तन की करती रखवारी !!
शंख चक्र शक्ति त्रिशुला !
हल मूसल कर कमल के फ़ूला !!
दैत्य नाश करने के कारन !
रुप अनेक किन्हें धारण !!
बार बार मैं सीस नवाऊं !
जगदम्बे के गुण को गाऊँ !!
कष्ट निवारण बलशाली माँ !
दुष्ट संहारण महाकाली माँ !!
कोटी कोटी माता प्रणाम !
पूरण की जो मेरे काम !!
दया करो बलशालिनी, दास के कष्ट मिटाओ !
चमन की रक्षा को सदा, सिंह चढी माँ आओ !!
कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!
अग्नि से अग्नि देवता !
पूरब दिशा में येंदरी !!
दक्षिण में वाराही मेरी !
नैविधी में खडग धारिणी !!
वायु से माँ मृग वाहिनी !
पश्चिम में देवी वारुणी !!
उत्तर में माँ कौमारी जी!
ईशान में शूल धारिणी !!
ब्रहामानी माता अर्श पर !
माँ वैष्णवी इस फर्श पर !!
चामुंडा दसों दिशाओं में, हर कष्ट तुम मेरा हरो !
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो !!
सन्मुख मेरे देवी जया !
पाछे हो माता विजैया !!
अजीता खड़ी बाएं मेरे !
अपराजिता दायें मेरे !!
नवज्योतिनी माँ शिवांगी !
माँ उमा देवी सिर की ही !!
मालाधारी ललाट की, और भ्रुकुटी कि यशर्वथिनी !
भ्रुकुटी के मध्य त्रेनेत्रायम् घंटा दोनो नासिका !!
काली कपोलों की कर्ण, मूलों की माता शंकरी !
नासिका में अंश अपना, माँ सुगंधा तुम धरो !!
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो !!
ऊपर वाणी के होठों की !
माँ चन्द्रकी अमृत करी !!
जीभा की माता सरस्वती !
दांतों की कुमारी सती !!
इस कठ की माँ चंदिका !
और चित्रघंटा घंटी की !!
कामाक्षी माँ ढ़ोढ़ी की !
माँ मंगला इस बनी की !!
ग्रीवा की भद्रकाली माँ !
रक्षा करे बलशाली माँ !!
दोनो भुजाओं की मेरे, रक्षा करे धनु धारनी !
दो हाथों के सब अंगों की, रक्षा करे जग तारनी !!
शुलेश्वरी, कुलेश्वरी, महादेवी शोक विनाशानी !
जंघा स्तनों और कन्धों की, रक्षा करे जग वासिनी !!
हृदय उदार और नाभि की, कटी भाग के सब अंग की !
गुम्हेश्वरी माँ पूतना, जग जननी श्यामा रंग की !!
घुटनों जन्घाओं की करे, रक्षा वो विंध्यवासिनी !
टकखनों व पावों की करे, रक्षा वो शिव की दासनी !!
रक्त मांस और हड्डियों से, जो बना शरीर !
आतों और पित वात में, भरा अग्न और नीर !!
बल बुद्धि अंहकार और, प्राण ओ पाप समान !
सत रज तम के गुणों में, फँसी है यह जान !!
धार अनेकों रुप ही, रक्षा करियो आन !
तेरी कृपा से ही माँ, चमन का है कल्याण !!
आयु यश और कीर्ति धन, सम्पति परिवार !
ब्रह्मणी और लक्ष्मी, पार्वती जग तार !!
विद्या दे माँ सरस्वती, सब सुखों की मूल !
दुष्टों से रक्षा करो, हाथ लिए त्रिशूल !!
भैरवी मेरी भार्या की, रक्षा करो हमेश !
मान राज दरबार में, देवें सदा नरेश !!
यात्रा में दुःख कोई न, मेरे सिर पर आये !
कवच तुम्हारा हर जगह, मेरी करे सहाए !!
है जग जननी कर दया, इतना दो वरदान !
लिखा तुम्हारा कवच यह, पढे जो निश्चय मान !!
मन वांछित फल पाए वो, मंगल मोड़ बसाए !
कवच तुम्हारा पढ़ते ही, नवनिधि घर मे आये !!
ब्रह्माजी बोले सुनो मार्कंड़य !
यह दुर्गा कवच मैंने तुमको सुनाया !!
रहा आज तक था गुप्त भेद सारा !
जगत की भलाई को मैंने बताया !!
सभी शक्तियां जग की करके एकत्रित !
है मिट्टी की देह को इसे जो पहनाया !!
चमन जिसने श्रद्धा से इसको पढ़ा जो !
सुना तो भी मुह माँगा वरदान पाया !!
जो संसार में अपने मंगल को चाहे !
तो हरदम कवच यही गाता चला जा !!
बियाबान जंगल दिशाओं दशों में !
तू शक्ति की जय जय मनाता चला जा !!
तू जल में तू थल में तू अग्नि पवन में !
कवच पहन कर मुस्कुराता चला जा !!
निडर हो विचर मन जहाँ तेरा चाहे !
चमन पाव आगे बढ़ता चला जा !!
तेरा मान धन धान्य इससे बढेगा !
तू श्रद्धा से दुर्गा कवच को जो गाए !!
यही मंत्र यन्त्र यही तंत्र तेरा !
यही तेरे सिर से हर संकट हटायें !!
यही भूत और प्रेत के भय का नाशक !
यही कवच श्रद्धा व भक्ति बढ़ाये !!
इसे निसदिन श्रद्धा से पढ़ कर !
जो चाहे तो मुह माँगा वरदान पाए !!
इस स्तुति के पाठ से पहले कवच पढे !
कृपा से आधी भवानी की, बल और बुद्धि बढे !!
श्रद्धा से जपता रहे, जगदम्बे का नाम !
सुख भोगे संसार में, अंत मुक्ति सुखधाम !!
कृपा करो मातेश्वरी, बालक चमन नादाँ !
तेरे दर पर आ गिरा, करो मैया कल्याण !!
!! जय माता दी !!
दुर्गा देवी कवच PDF Download | Durga Devi Kavach PDF in Hindi Download
FAQs (अकसर पूछे जाने वाले सवाल)
दुर्गा कवच क्या है?
दुर्गा कवच एक प्राचीन मंत्र है जो मां दुर्गा की कृपा और सुरक्षा प्रदान करता है। इसे पठने से भक्त को विभिन्न प्रकार की संकटों से मुक्ति मिलती है।
क्या दुर्गा कवच पठने से शारीरिक और मानसिक सुरक्षा मिलती है?
हाँ, दुर्गा कवच पठने से शारीरिक और मानसिक सुरक्षा प्राप्त होती है। यह मंत्र भक्त को रोग, दुर्भाग्य और आपत्तियों से बचाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
क्या दुर्गा कवच पीडीएफ डाउनलोड करना सुरक्षित है?
हाँ, दुर्गा कवच पीडीएफ डाउनलोड करना सुरक्षित है, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप सत्यापित स्रोत से ही इसे डाउनलोड कर रहे हैं।
क्या दुर्गा कवच पठने से किसी व्यक्ति की समस्याएं हल हो सकती हैं?
दुर्गा कवच पठने से भक्त की संकटों और समस्याओं में सुधार हो सकता है। इसे नियमित रूप से पठने से कई लोगों ने अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया है।
क्या मैं दुर्गा कवच को किसी के साथ साझा कर सकता हूँ?
हाँ, आप दुर्गा कवच को अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ साझा कर सकते हैं। इससे आप उन्हें भी शक्ति और सुरक्षा की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।
समाप्ति
दुर्गा कवच हिंदी / Durga Kavach In Hindi PDF पीडीएफ एक शक्तिशाली प्रार्थना है जो भक्तों को सुरक्षा, सुख और शांति प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से पठने से भक्त को माता दुर्गा की कृपा मिलती है और उनकी सभी आराध्य इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसलिए, आप भी दुर्गा कवच हिंदी पीडीएफ को पढ़कर माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।